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मध्य प्रदेश के उद्यमी और व्यापारी जुड़ेंगे राष्ट्रीय आयोजनों से

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  वास्तविकता दर्शन समाचार            इंदौर। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविकांत गर्ग का मालवा निमाण एवं भोपाल प्रवास के दौरान देश के करोड़ों उद्योगपति एवं व्यापारियों को सशक्त करने का बीड़ा उठाया l अपने तीन दिवसीय इंदौर भोपाल प्रवास के दौरान उन्होंने संस्था के क्षेत्रीय, संभागीय एवं प्रादेशिक पदाधिकारीगण के साथ संगठनात्मक चर्चा की एवं संगठन के आगे के कार्यों की रूपरेखा बनाई l          भारतीय उद्योग व्यापार मंडल मध्यप्रदेश की कोर कमेटी की बैठक इंदौर में आयोजित की गई l बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष रविकान्त गर्ग ने विगत वर्ष की संगठनात्मक स्थिति एवं विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन पर चर्चा करते हुए विस्तृत समीक्षा की। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अवगत कराया कि देश , प्रदेशों में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की सभी राज्य और जिला इकाइयां पूर्ण कार्य क्षमता के साथ कार्यरत हैं, तथा सभी प्रदेशों में शासन प्रशासन के साथ संवाद, सामंजस्य और नीतिगत निर्णय के साथ संगठन को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है l उत्तर प्रदेश ,दिल्ली , हरि...

भारत में एक जगह ऐसी है, जहां उल्टी गंगा बहती है जाने कहां?

वास्तविकता दर्शन समाचार, 6 सितंबर 2020


     इंदौर। भारत में एक जगह ऐसी है जहां डेढ़ किलोमीटर तक गंगा उल्टी बहती है, वह स्थान है वाराणसी के घाटों का किनारा। गंगा में जब पानी अधिक बढ़ जाता है तब मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक गंगा नदी उल्टी बहने लगती है। इन घाटों के बीच में हरिश्चन्द्र घाट सहित लगभग 45 घाट आते हैं। उल्टी बहने की स्थिति लगभग आधा से एक घंटे तक रहती है और वाकायदा पानी उतरता है अर्थात् जिस निशान पर पहले पानी बह रहा होता है उल्टी बहने पर दो से तीन फीट नीचे बहने लगता है। ये स्थिति भदैनी घाट के निकट जैन घाट की है। हरिश्चन्द्र घाट पर एक मीटर के लगभग पानी उतर जाता है। यह मंजर लोग घंटों तक घाट किनारे खड़े होकर निहारते रहते हैं। 


     वाराणसी में गंगा नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर है। लेकिन यहां नगर के किनारे किनारे गंगा धनुषाकार में बहती हुई, दक्षिण दिशा से आकर पूर्व फिर पूर्वोतर की ओर घूम जाती है। आगे जाकर पुनः उत्तर दिशा की ओर रास्ता बनाती है। यहां घुमाव होने के कारण ही यह आश्चर्यकारी प्रक्रिया होती है। अधिक पानी आने के कारण गंगा का जल वेग से आता है। दशाश्वमेध घाट के पास अधिक घुमाव है, यहां पानी टकराता है, इस कारण भंवर सी बनती है। टकराने के कारण कुछ धारा उल्टी लौटती है, उल्टी धारा का बहाव भी इतना तेज होता है कि वह लगभग डेढ़ किलोमीटर तक उल्टा ही बहता रहता है, इस कारण पानी उतरता है। कुछ देर वाद पुनः सीधा बहने लगता है। यह प्रक्रिया थोड़ी थोड़ी देर से निरन्तर होती रहती है। गंगा में बाढ़ होने पर ही यह प्रक्रिया होती है। सामान्य समय में गंगाजी वाराणसी में शांत बहती हैं।


रिपोर्ट -डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर, 9826091247


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