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हादसा/ बस चालक ने बाइक को मारी टक्कर एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत बस बीजेपी विधायक के परिवार की

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वास्तविकता दर्शन समाचार, (IST)           इंदौर। इंदौर-उज्जैन रोड़ पर बुधवार देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई। निजी ट्रेवल्स की बस ने बाइक सवार दंपती और उनके दो बेटों को कुचल दिया। माता-पिता और एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल दूसरे बेटे ने गुरुवार सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया। महू एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि हादसे के पीछे बस की तेज रफ्तार और लापरवाही जिम्मेदार है। बस शुक्ला ब्रदर्स के नाम से रजिस्टर्ड है और यह बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला के ऑफिस से ऑपरेट होती है। हादसे के बाद ड्राइवर और हेल्पर मौके से फरार हो गए। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना), 125(A) (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कृत्य) और 106(1) (लापरवाही से मृत्यु) के तहत मामला दर्ज किया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बुधवार को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने बीजेपी के दबाव में बस ड्राइवर के खिलाफ कमजोर मामला बनाया। BJP ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा निष्पक्ष...

भारत में एक जगह ऐसी है, जहां उल्टी गंगा बहती है जाने कहां?

वास्तविकता दर्शन समाचार, 6 सितंबर 2020


     इंदौर। भारत में एक जगह ऐसी है जहां डेढ़ किलोमीटर तक गंगा उल्टी बहती है, वह स्थान है वाराणसी के घाटों का किनारा। गंगा में जब पानी अधिक बढ़ जाता है तब मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक गंगा नदी उल्टी बहने लगती है। इन घाटों के बीच में हरिश्चन्द्र घाट सहित लगभग 45 घाट आते हैं। उल्टी बहने की स्थिति लगभग आधा से एक घंटे तक रहती है और वाकायदा पानी उतरता है अर्थात् जिस निशान पर पहले पानी बह रहा होता है उल्टी बहने पर दो से तीन फीट नीचे बहने लगता है। ये स्थिति भदैनी घाट के निकट जैन घाट की है। हरिश्चन्द्र घाट पर एक मीटर के लगभग पानी उतर जाता है। यह मंजर लोग घंटों तक घाट किनारे खड़े होकर निहारते रहते हैं। 


     वाराणसी में गंगा नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर है। लेकिन यहां नगर के किनारे किनारे गंगा धनुषाकार में बहती हुई, दक्षिण दिशा से आकर पूर्व फिर पूर्वोतर की ओर घूम जाती है। आगे जाकर पुनः उत्तर दिशा की ओर रास्ता बनाती है। यहां घुमाव होने के कारण ही यह आश्चर्यकारी प्रक्रिया होती है। अधिक पानी आने के कारण गंगा का जल वेग से आता है। दशाश्वमेध घाट के पास अधिक घुमाव है, यहां पानी टकराता है, इस कारण भंवर सी बनती है। टकराने के कारण कुछ धारा उल्टी लौटती है, उल्टी धारा का बहाव भी इतना तेज होता है कि वह लगभग डेढ़ किलोमीटर तक उल्टा ही बहता रहता है, इस कारण पानी उतरता है। कुछ देर वाद पुनः सीधा बहने लगता है। यह प्रक्रिया थोड़ी थोड़ी देर से निरन्तर होती रहती है। गंगा में बाढ़ होने पर ही यह प्रक्रिया होती है। सामान्य समय में गंगाजी वाराणसी में शांत बहती हैं।


रिपोर्ट -डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर, 9826091247


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