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जनसुनवाई के दौरान आज 65 शिकायत आवेदन प्राप्त हुए, पुलिस आयुक्त ने प्रत्येक आवेदक की समस्या सुन, संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही कर शीघ्र निराकरण हेतु दिए दिशा निर्देश

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वास्तविकता दर्शन समाचार, 23 दिसंबर 2025           इंदौर। मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार आमजन की शिकायतों का निराकरण करनें एवं समस्याओं का त्वरित समाधान करनें के लिए प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित की जाती हैं। जिसके तारतम्य में पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर संतोष कुमार सिंह द्वारा आज दिनांक 23 दिसंबर को कमिश्नर कार्यालय के सभागार में जनसुनवाई में आमजन की शिकायत एवं समस्याओं को सुना तथा त्वरित निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दियें।          जनसुनवाई के दौरान आज 65 शिकायत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमे प्रमुख रूप से पारिवारिक विवाद, आपसी विवाद, पैसों के लेनदेन, सुनवाई न होने, प्लाट/ जमीन की धोखाधड़ी संबंधी विवाद, महिला अपराध संबंधी एवं अन्य पुलिस से संबंधित समस्याओं लेकर आमजन आए, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रत्येक आवेदक की व्यथा व समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुनकर उनके निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल कार्यवाही करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। साथ ही नागरिकों को आश्वस्त ...

भारत में एक जगह ऐसी है, जहां उल्टी गंगा बहती है जाने कहां?

वास्तविकता दर्शन समाचार, 6 सितंबर 2020


     इंदौर। भारत में एक जगह ऐसी है जहां डेढ़ किलोमीटर तक गंगा उल्टी बहती है, वह स्थान है वाराणसी के घाटों का किनारा। गंगा में जब पानी अधिक बढ़ जाता है तब मणिकर्णिका घाट से तुलसी घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक गंगा नदी उल्टी बहने लगती है। इन घाटों के बीच में हरिश्चन्द्र घाट सहित लगभग 45 घाट आते हैं। उल्टी बहने की स्थिति लगभग आधा से एक घंटे तक रहती है और वाकायदा पानी उतरता है अर्थात् जिस निशान पर पहले पानी बह रहा होता है उल्टी बहने पर दो से तीन फीट नीचे बहने लगता है। ये स्थिति भदैनी घाट के निकट जैन घाट की है। हरिश्चन्द्र घाट पर एक मीटर के लगभग पानी उतर जाता है। यह मंजर लोग घंटों तक घाट किनारे खड़े होकर निहारते रहते हैं। 


     वाराणसी में गंगा नदी का बहाव दक्षिण से उत्तर की ओर है। लेकिन यहां नगर के किनारे किनारे गंगा धनुषाकार में बहती हुई, दक्षिण दिशा से आकर पूर्व फिर पूर्वोतर की ओर घूम जाती है। आगे जाकर पुनः उत्तर दिशा की ओर रास्ता बनाती है। यहां घुमाव होने के कारण ही यह आश्चर्यकारी प्रक्रिया होती है। अधिक पानी आने के कारण गंगा का जल वेग से आता है। दशाश्वमेध घाट के पास अधिक घुमाव है, यहां पानी टकराता है, इस कारण भंवर सी बनती है। टकराने के कारण कुछ धारा उल्टी लौटती है, उल्टी धारा का बहाव भी इतना तेज होता है कि वह लगभग डेढ़ किलोमीटर तक उल्टा ही बहता रहता है, इस कारण पानी उतरता है। कुछ देर वाद पुनः सीधा बहने लगता है। यह प्रक्रिया थोड़ी थोड़ी देर से निरन्तर होती रहती है। गंगा में बाढ़ होने पर ही यह प्रक्रिया होती है। सामान्य समय में गंगाजी वाराणसी में शांत बहती हैं।


रिपोर्ट -डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर, 9826091247


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