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जनसुनवाई के दौरान आज 65 शिकायत आवेदन प्राप्त हुए, पुलिस आयुक्त ने प्रत्येक आवेदक की समस्या सुन, संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही कर शीघ्र निराकरण हेतु दिए दिशा निर्देश

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वास्तविकता दर्शन समाचार, 23 दिसंबर 2025           इंदौर। मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार आमजन की शिकायतों का निराकरण करनें एवं समस्याओं का त्वरित समाधान करनें के लिए प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित की जाती हैं। जिसके तारतम्य में पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर संतोष कुमार सिंह द्वारा आज दिनांक 23 दिसंबर को कमिश्नर कार्यालय के सभागार में जनसुनवाई में आमजन की शिकायत एवं समस्याओं को सुना तथा त्वरित निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दियें।          जनसुनवाई के दौरान आज 65 शिकायत आवेदन प्राप्त हुए, जिनमे प्रमुख रूप से पारिवारिक विवाद, आपसी विवाद, पैसों के लेनदेन, सुनवाई न होने, प्लाट/ जमीन की धोखाधड़ी संबंधी विवाद, महिला अपराध संबंधी एवं अन्य पुलिस से संबंधित समस्याओं लेकर आमजन आए, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह द्वारा प्रत्येक आवेदक की व्यथा व समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुनकर उनके निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर तत्काल कार्यवाही करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। साथ ही नागरिकों को आश्वस्त ...

संकट भय व शत्रुओं से मुक्ति दिलाती है भगवान काल भैरव की पूजा, जानें विधि और मंत्र

काल भैरव, अष्ट भैरव, चंड भैरव, क्रोध भैरव, उन्मत्त भैरव, कपाल भैरव, भीषण भैरव और संहार भैरव, ये भगवान भैरव के आठ स्वरूप है। इन अष्ट स्वरूपों के नामों का स्मरण या उच्चारण करने से भगवान भैरव साधक की आठों दिशाओं से रक्षा करते हैं।
वास्तविकता दर्शन का धर्म दर्शन


        इंदौर। कलयुग में भगवान काल भैरव की साधना विशेष और शीघ्र फल देने वाली मानी गई है। भगवान भैरव शिव जी का ही अवतार हैं। काल भैरव भगवान की पूजा कई प्रारूपों में की जाती है। इन सभी रूपों में लोग  ज्यादा बटुक भैरव की पूजा आराधना करते हैं क्योंकि यह इनका सौम्य रूप माना गया है। भगवान भैरव की आराधना से लोगों को भय, आशंकाओं और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी भगवान बटुक भैरव की पूजा बहुत लाभदायक मानी गई है। कुंडली में शनि, राहु या केतु की महादशा हो तब भी भगवान भैरव की साधनी की जाए तो सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
▪️जानते हैं कौन से दिन और किस विधि एवं मंत्र के साथ करें भगवान भैरन की पूजा
      भगवान भैरव की पूजा आराधना और उनके नामों का स्मरण वैसे तो किसी भी दिन की जा सकता है, लेकिन इनकी पूजा के लिए भैरव अष्टमी, रविवार, बुधवार और गुरुवार के दिन श्रेष्ठ रहते हैं। इन दिनों पर भगवान भैरव की साधना-आराधना विशेष फलदायी होती है।


      किसी भी देवी-देवता की पूजा के लिए मंत्रों का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए भगवान भैरव की पूजा करते समय भी कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करने से जीवन से जुड़ी किसी भी प्रकार की बाधा या संकट से मुक्ति मिलती है। भगवान काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनमें से किसी एक मंत्र का जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से करना चाहिए।
ॐ कालभैरवाय नम:।
ॐ भयहरणं च भैरव:।
ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रींं।


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