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मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना अंतर्गत निशुल्क सामूहिक विवाह 02 नवम्बर 2025 को, 22 अक्टूबर तक जमा होंगे आवेदन

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मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना अंतर्गत निशुल्क सामूहिक विवाह 02 नवम्बर 2025 को, 22 अक्टूबर तक जमा होंगे आवेदन वास्तविकता दर्शन समाचार, इंदौर           ग्वालियर। नगर निगम ग्वालियर द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजनान्तर्गत दिनांक 02 नवम्बर 2025 (रविवार) देवउठनी ग्यारस के शुभ मुहूर्त में निःशुल्क सामूहिक विवाह एवं निकाह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके आवेदन 22 अक्टूबर 2025 तक जमा किए जा सकते हैं।          उपायुक्त सत्यपाल सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजनान्तर्गत दिनांक 02 नवम्बर 2025 (रविवार) देवउठनी के शुभ मुहूर्त में निःशुल्क सामूहिक विवाह एवं निकाह का आयोजन किया जा रहा है। उक्त सम्मेलन में निम्न दस्तावेज के साथ गरीब कन्याओं की शादी हेतु अपने निकटस्थ क्षेत्रीय कार्यालय, जनमित्र केन्द्र, नगर निगम ग्वालियर में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर योजना में पंजीयन कर सकते हैं। अतः आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर योजनान्तर्गत लाभ र...

मध्यप्रदेश में जल संसाधन प्रबंधन" पर तकनीकी संगोष्ठी — एआई व स्मार्ट तकनीकों से जल भविष्य संवारने की पहल

"एआई से जल सुरक्षा और टिकाऊ विकास संभव – मंत्री तुलसीराम सिलावट"

वास्तविकता दर्शन समाचार 


     इंदौर। मध्यप्रदेश इंदौर स्थित सोपा ऑडिटोरियम में आज "मध्यप्रदेश में जल संसाधन प्रबंधन" विषय पर एक दिवसीय तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन इंडियन जियोटेक्निकल सोसायटी (IGS), इंदौर चैप्टर द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम “Accelerating Madhya Pradesh: AI for Smart Cities and Sustainable Infrastructure” विषयक सेमिनार श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य जल प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और स्मार्ट तकनीकों की भूमिका पर व्यापक मंथन करना था।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बैरसिया विधायक विष्णु खत्री और इंदौर स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यंक सिंह उपस्थित थे।

सेमिनार में देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी कानपुर, आईआईटी धारवाड़, आईआईटी इंदौर और आईपीएस अकादमी के विशेषज्ञों ने जल प्रबंधन के नवीनतम तकनीकी पहलुओं पर अपने विचार साझा किए।

       अपने संबोधन में मंत्री सिलावट ने कहा, "आईजीएस इंदौर चैप्टर द्वारा की जा रही पहल स्मार्ट सिटीज की आधारभूत संरचना और उन्नत जल प्रणाली हेतु एआई के उपयोग में मील का पत्थर सिद्ध होगी।" उन्होंने जल जीवन मिशन, अमृत सरोवर और केन-बेतवा लिंक परियोजना जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे सरकार परंपरागत जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीकों के जरिये भविष्य की जल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

       उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है क्योंकि यहाँ 207 नदियाँ बहती हैं, जिनमें नर्मदा, ताप्ती, चंबल और क्षिप्रा प्रमुख हैं। राज्य सरकार जिला, जनपद और ग्राम पंचायतो के माध्यम से 47,153 तालाबों और 5,839 अमृत सरोवरों पर संरक्षण कार्य कर रही है। 

     सिलावट ने कहा, “जल संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें जल संरक्षण अभियान को जन आंदोलन बनाना होगा और समाज के प्रत्येक वर्ग को जोड़ना होगा, ताकि जल की हर बूंद को सुरक्षित रखा जा सके।”

      कार्यक्रम में नीति निर्माता, शिक्षाविद, शोधकर्ता और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी में वर्षा की सटीक भविष्यवाणी, बाढ़ प्रबंधन, स्मार्ट सिंचाई, शहरी जल नियोजन और भू-जल निगरानी जैसे विषयों पर एआई आधारित समाधानों की उपयोगिता पर विचार-विमर्श किया गया।

        सेमीनार के अंत में यह सहमति बनी कि पारंपरिक ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीक के संगम से ही मध्यप्रदेश को जल समृद्ध, स्मार्ट और सतत विकास की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है।

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