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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को किया बंद

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को बंद किरने का निर्णय लिया। जिसका विरोध तेज हो गया है। जौनपुर में सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति ने कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। वास्तविकता दर्शन समाचार, इंदौर           उत्तर प्रदेश। विकास खंड बदलापुर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर को कम छात्र संख्या के कारण 26 जून से बंद कर दिया गया। यह कार्रवाई स्कूल विलय की अंतिम तिथि 30 जून से पहले की गई। अभिभावकों को छात्र संख्या बढ़ाने का अवसर नहीं मिला। पहितियापुर गांव की स्थिति विशेष है। गांव के दक्षिण और पूर्व में पीली नदी व जंगल है। उत्तर में हाईवे बाईपास व रेल लाइन है। पश्चिम में हाईवे व बाजार है। स्कूल को 3 किलोमीटर दूर सिंगरामऊ में विलय किया गया है।             अभिभावकों का कहना है कि दुर्गम रास्तों के कारण बच्चे दूर के स्कूल नहीं जा पाएंगे। संविधान का अनुच्छेद 45 राज्य को 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का निर्देश देता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा...

गणतंत्र दिवस पर 55 साल में पहली बार बिना चीफ गेस्ट नहीं , पहले भी ऐसा हुआ जानें कब?

Vastvikta Darshan News

         नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस 55 साल में पहली बार बिना चीफ गेस्ट के मनाया, कोरोना वायरस का असर इस साल रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन पर भी पड़ा है। देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन पिछले 55 वर्षों में यह पहला मौका है जब गणतंत्र दिवस बिना किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या मुख्य अतिथि के संपन्न हुआ है। इस साल गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बनने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस का ज्यादा संक्रामक और घातक स्ट्रेन मिलने से बोरिस जॉनसन को अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ा। 


             आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 1966 में रिपब्लिक डे बिना किसी चीफ गेस्ट के मना था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री की ताशकंद में संदिग्ध परिस्थियों में मृत्यु होने के कारण उस साल रिपब्लिक डे पर किसी चीफ गेस्ट को निमंत्रण नहीं भेजा गया था। लालबहादुर शास्त्री का मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी ने गणतंत्र दिवस से सिर्फ 2 दिन पहले 24 जनवरी, 1966 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। रिपब्लिक डे परेड में भी हुए बदलावकोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस साल गणतंत्र दिवस पर होने वाले आयोजन में कई बदलाव किए गए। अब तक के इतिहास में पहली बार रिपब्लिक डे परेड लाला किले तक नहीं गई। परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक ही गई। इसके साथ ही परेड में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को भी काफी कम कर दिया गया। इस बार परेड में बच्चों को शामिल होने की अनुमति नहीं थी। साथ ही परेड के हर दस्ते में कम लोग शामिल हुए और छोटी-छोटी टुकड़ियों में परेड हुई। अब तक हर दस्ते में 144 लोग होते थे, लेकिन इस बार 96 लोग ही शामिल हुए।

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