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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को किया बंद

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को बंद किरने का निर्णय लिया। जिसका विरोध तेज हो गया है। जौनपुर में सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति ने कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। वास्तविकता दर्शन समाचार, इंदौर           उत्तर प्रदेश। विकास खंड बदलापुर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर को कम छात्र संख्या के कारण 26 जून से बंद कर दिया गया। यह कार्रवाई स्कूल विलय की अंतिम तिथि 30 जून से पहले की गई। अभिभावकों को छात्र संख्या बढ़ाने का अवसर नहीं मिला। पहितियापुर गांव की स्थिति विशेष है। गांव के दक्षिण और पूर्व में पीली नदी व जंगल है। उत्तर में हाईवे बाईपास व रेल लाइन है। पश्चिम में हाईवे व बाजार है। स्कूल को 3 किलोमीटर दूर सिंगरामऊ में विलय किया गया है।             अभिभावकों का कहना है कि दुर्गम रास्तों के कारण बच्चे दूर के स्कूल नहीं जा पाएंगे। संविधान का अनुच्छेद 45 राज्य को 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का निर्देश देता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा...

राष्ट्रीय जनजातीय पर्व 'आदि महोत्सव' का उदघाटन करेंगे उपराष्ट्रपति

▪️उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय जनजातीय पर्व 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन 1 फरवरी को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में करेंगे

वास्तविकता दर्शन समाचार, 31 जनवरी 2021
           नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू राष्ट्रीय जनजातीय पर्व 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन 1 फरवरी 2021 को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में करेंगे। यह आयोजन 15 फरवरी तक चलेगा।    जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) द्वारा किया जाता है। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे। 
आदि महोत्सव-
         आदि महोत्सव 2017 में शुरू किया गया था और तब से सफलतापूर्वक इसका आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। यह महोत्सव देश भर से आदिवासियों की समृद्ध और विविध शिल्प और संस्कृति को एक स्थान पर लाकर लोगों को उससे रूबरू करवाने के मकसद से शुरू किया गया था।
▪️ कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितियों के चलते ट्राइफेड ने 2020 में ये महोत्सव आयोजित नहीं किया गया था।
▪️ लेकिन अब इस परंपरा को फिर से शुरू किया जा रहा है। जिसमें देश के 20 से अधिक राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर, कलाकार और शेफ भाग लेंगे और अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति की एक झलक पेश करेंगे।
फाइल फोटो


         देश की आबादी में 8 प्रतिशत से अधिक जनजातियां हैं लेकिन वे समाज के वंचित वर्गों में से हैं। प्राकृतिक सादगी से प्रेरित, उनकी रचनाओं में एक कालातीत अपील है। हस्तशिल्प की विस्तृत श्रृंखला जिसमें हाथ से बुने हुए सूती, रेशमी कपड़े, ऊन, धातु शिल्प, टेराकोटा और मनके-कार्य शामिल हैं, सभी को संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आदिवासी कार्य मंत्रालय के तहत नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड आदिवासी लोगों की आय और आजीविका में सुधार करने के लिए काम कर रहा है। ये उनके जीवन और परंपराओं के तरीके को भी संरक्षित करता है।


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