उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को किया बंद

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कमरा नं.104 जहां सब-कुछ ख़ाक |
यह वही कमरा है, जिसमें सयाजी, लोहामंडी, स्कीम 54 पीयू-4 और प्रेस काम्प्लेक्स से संबंधित फाईलें भी थीं, जिन पर लोकायुक्त में केस चल रहे हैं और लीज निरस्ती संबंधी मामलों में फैसला लेना है। आग की शुरुआत अलसुबह करीब तीन बजे हुई। कार्यालय पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने देखा और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
▪️फायर ब्रिगेड की दो गाड़ी पहुंचीं
फायर ब्रिगेड की गाड़ी 15 मिनिट में ही मौके पर पहुंच गई। आग इतनी तेज थी कि एक गाड़ी और बुलवाना पड़ी। इसके बाद भी आग पर काबू पाने में दो घंटे से अधिक का समय लग गया। इस बीच आईडीए चेयरमैन शंकर लालवानी, सीईओ राकेश सिंह सहित संपदा शाखा प्रभारी तहसीलदार पूर्णिमा सिंगी और सभी अधिकारी-कर्मचारी पहुंच गए थे।
० पूरा कमरा हो गया खाक
आग जिस कमरे में लगी थी, वह पूरी तरह से जल गया। कमरे के पास ही में रिकॉर्ड सेक्शन भी है, लेकिन वहां सेफनुमा अलमारी होने से रिकॉर्ड सुरक्षित है। इसी तरह कमरे में रखी अलमारियों में रखे दस्तावेज भी सुरक्षित हैं, लेकिन क्लर्कों की टेबलों पर और खुले में रखा पूरा रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया। इसमें से कोई रिकॉर्ड नहीं बचा।
० विवादित मामलों की फाईलें जलने का अंदेशा
कमरा नंबर 104 में योजना 54, पीयू-4 कमर्शियल, इंदिरा काम्प्लेक्स, योजना 78, 114, 140, सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं के दस्तावेज रखे हैं। इन्हीं में सयाजी होटल, पीयूू-4 के चाय किराना व्यापारियों, प्रेस काम्प्लेक्स के भी दस्तावेज हैं। आग में इनमें से कितने दस्तावेज बचे और कितने खाक हो गए, इसका जांच चल रही है। मगर अंदेशा यही है कि ज्यादातर विवादित मामलों की फाईलें खाक हो गई हैं।
० फायर फाईटिंग के सभी साधन हैं...
आईडीए में फायर फाईटिंग के सभी साधन लगे हैं। आग से बचाने के लिए हर मंजिल पर पानी के हाईड्रेंट का पाईंट है और पाईप लाईन लगी है। ऐसे में यह समझ पाना मुश्किल है कि आग इतनी कैसे भड़क गई कि पूरा रिकॉर्ड ही जल गया। आग लगने का कारण भी अब तक सामने नहीं आया है, यह भी संदेह पैदा करता है कि आग लगी है या लगाई गई है। कारण चाहे जो भी हो, लेकिन जिन विवादित मामलों की फाईलें जल गई हैं, उन्हें तो इसका भरपूर लाभ मिलेगा ही।
▪️ कई अनसुलझे सवाल
इंदौर में कई बड़े व सर्वसुविधायुक्त प्रोजेक्ट बनाने वाले एजेंसी आईडीए में ही नियमों का उल्लंघन नजर आया। संपदा शाखा को हाईटेक बनाया गया था और उसमें बिजली का सप्लाय बाहर से था। सवाल उठ रहे हैं कि शाम को कार्यालय बंद करते वक्त बिजली बंद की गई थी या नहीं? सबसे आखिर तक शाखा में कौन था? संपदा शाखा में कोई सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगाया गया? आईडीए में सब जगह पर कैमरे लगे हुए है तो रिकार्डिंग की जांच हुई या नहीं?
▪️कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए आरोप
क्या कारण है कि भाजपा के शासनकाल में महत्वपूर्ण रिकार्ड रूम में ही आग लगती है।
1, संपदा शाखा में आग लगना कोई षडय़ंत्र तो नहीं है?
2, अगर यह षड्यंत्र नहीं है तो अभी तक जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई।
3, कई महत्वपूर्ण प्रकरणों की फाइलें नष्ट कर बड़े घोटाले को दबाने का प्रयास तो नहीं है।
▪️देर रात तक कर्मचारी समेटते रहे फाइलें
देर रात तक आईडीए के कर्मचारी और अधिकारी बची हुई फाइलों को समेटते रहे। उनकी एक सूची बनाई जा रही है। फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है कि कौन-सी फाइलें आग में जलकर राख हो गई हैं।
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