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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को किया बंद

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5000 सरकारी स्कूलों को बंद किरने का निर्णय लिया। जिसका विरोध तेज हो गया है। जौनपुर में सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति ने कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। वास्तविकता दर्शन समाचार, इंदौर           उत्तर प्रदेश। विकास खंड बदलापुर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर को कम छात्र संख्या के कारण 26 जून से बंद कर दिया गया। यह कार्रवाई स्कूल विलय की अंतिम तिथि 30 जून से पहले की गई। अभिभावकों को छात्र संख्या बढ़ाने का अवसर नहीं मिला। पहितियापुर गांव की स्थिति विशेष है। गांव के दक्षिण और पूर्व में पीली नदी व जंगल है। उत्तर में हाईवे बाईपास व रेल लाइन है। पश्चिम में हाईवे व बाजार है। स्कूल को 3 किलोमीटर दूर सिंगरामऊ में विलय किया गया है।             अभिभावकों का कहना है कि दुर्गम रास्तों के कारण बच्चे दूर के स्कूल नहीं जा पाएंगे। संविधान का अनुच्छेद 45 राज्य को 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का निर्देश देता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा...

महिलाएं करेंगे रात में काम.. सरकार ने दी अनुमति, सुरक्षा और शर्तों का संस्थानों को करना होगा पालन

महिलाओं को रात की पाली में कारखानों में काम करने की विशेष अनुमति, सुरक्षा और शर्तों का संस्थानों को पालन करना होगा

वास्तविकता दर्शन समाचार 



        इंदौर। पुख्ता सुरक्षा उपायों और विशेष नियम एवं शर्तों को लागू करने की अनिवार्यता के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को दुकानों, वाणिज्यिक संस्थानों और कारखानों में रात की पाली (नाइट शिफ्ट) में काम करने की अनुमति दी है। संस्थानों में महिला श्रमिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण दिया जाएगा।

      राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 एवं कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत महिला श्रमिकों को कुछ शर्तों के साथ कार्य करने की अनुमतिदी है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गए है।

० दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं के लिए जरूरी निर्देश

      दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं में रात्रि पाली में 9 बजे से सुबह 7 बजे तक कार्य करने के लिये नियोजकों को महिला श्रमिकों की लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। कम से कम 5 महिला श्रमिक के समूह में ही उन्हें कार्य पर लगाया जाएगा। कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण, शौचालय, वॉशरूम, पेयजल और विश्राम कक्ष जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इन सुविधाओं तक आवागमन का मार्ग अच्छी तरह से प्रकाशित तथा सीसीटीवी की निगरानी में होगा। जहां 10 या अधिक महिलाएं कार्यरत हों, वहां महिला सुरक्षाकर्मियों (गार्डस) की व्यवस्था करनी होगी एवं विश्राम कक्ष भी उपलब्ध कराया जायेगा। सभी प्रतिष्ठानों को लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना होगा।

० कारखानों के लिए विशेष शर्तें

        कारखानों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक महिला श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति सुरक्षा उपायों के साथ प्रदान की गई है। रात की पाली में कार्य करने के लिये महिला श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी और उन्हें पांच से अधिक समूह में नियोजित किया जाएगा। महिला कर्मचारियों के लिए घर से लाने और ले जाने की परिवहन सुविधा देना नियोक्ता की जिम्मेदारी होगी। कार्यस्थल पर प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, शौचालय, भोजन व विश्राम कक्ष उपलब्ध होंगे। कार्य स्थल के प्रवेश एवं निकास पर महिला सुरक्षाकर्मी (गार्डस) उपलब्ध होगी। ठहरने की व्यवस्था महिला वार्डन अथवा सुपरवाइजर के नियंत्रण में होगी। रात्रि पाली में सुपरवाइजरी स्टाफ का एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं होंगी। पाली परिवर्तन के दौरान कम से कम 12 घंटे का अंतराल जरूरी होगा। कारखानों में लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना अनिवार्य होगा।

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